सभ्य सुन्दरियों का मुर्ख अंदाज़
मै कई दिनों से देख रहा हूँ कि ट्रेफिक स्टॉप पर ट्रेफिक पुलिस लड़कियों के चालान काटती है, कारन हेलमेट नहीं पहना। शहर की ये सुंदर बालाए गर्मी से बचने के लिए हाथो को दस्तानो से ढकती है और चेहरे को पुरे नकाब से ढकती है क्योकि वे सूरज की गर्मी से अपनी त्वचा को काला होने से बचा सके । अगर सर से ज्यादा चमड़ी फ़िक्र की जावे तो इसे मुर्खता ही कहा जायेगा, अगर चमड़ी काली हो जाएगी तो भी जिन्दा रहेंगे लेकिन अगर सर अगर काला (चोटिल) हो जाए तो दुनिया को अलविदा कहना पड़ सकता है। अगर इन सभ्य सुन्दरियों को ये समझ में आ जावे कि मास्क और दस्तानो से ज्यादा हेलमेट पहना जरूरी है, दुनिया मान चुकी है ज्यादातर सड़क हादसे में मरने का कारण सर में चोट लगाना है।