Sunday, March 17, 2013

दिल के अरमा

 दिल के अरमा
          उसकी गली मे सड गये
हम वफ़ा करते रहे
           वो किसी के  साथ  थी
जिंदगी एक प्यास बन कर रह गयी
           पेपसी कोला वो पीती गई
हम बिल चुकाते रह गये
शायद उनका आखिरी हो  यॅ सितम
वो घर बसा के चली गई
हम जिंदगी भर कुंवारे रह गये
 खुद को भी हम ने मिटा डाला 
पर क़ब्र पर   मेरी  आशियाना बनाने आ गॅये


Sunday, March 4, 2012

कल होली है.........................

सन ९७ की बात सुनाता हूँ
मैंने एक लड़की से उसका नाम पूछा
वो बोली .......................संजना
पास खड़ी उसकी सहेली से नाम पूछा
वो बोली.............. सिमरन
एक और सहेली से नाम पूछा
वो बोली.................... काजोल
फाल्गुन मास में मेरा सर चकराया
किसी ने अपना नाम बसंती नहीं बताया
एक लड़की मुझ से बोली
"भैया" आप का क्या नाम है
"भैया" सुनते ही मुझे गुस्सा आया
मै गुस्से में बोला
बहनजी! भैया नहीं ...... मिस्टर कहो
लड़की को भी गुस्सा आया...
वो बोली......
बहनजी नहीं......
संजना बोलो....
मै भी प्रेम से बोला
"प्रेम है नाम मेरा......
प्रेम से बोलो............"
बोला नहीं जाता तो
प्रेम से प्रेम करो......
लड़की चिल्लाकर बोली .....
तुम्हे तो मै देख लुंगी.........
मैंने कहा ........................
आज ही अच्छी तरह देख लो.....
कल होली है...............................
कल मुझे पहचान नहीं पाओगी..........

Wednesday, November 23, 2011

मैंने एक ख़त लिखा था तुमको

मैंने एक ख़त लिखा था तुमको
आज भी किताबो में छिपा है वो ख़त
फटे ख़त के पन्ने आज भी मुस्कराते है
लिपट कर तुम्हारे फोटो से
वो गुजरा पल दिखाते है
कई राते दिन बन गयी थी
दिन में चांदनी नजर आती थी
एक ख़त जो तुम्हे देना था
पर मुझे शर्म आती थी
मेरा चुपचाप मन
ख़त में बोल रहा था
आज वही ख़त मुझ से बोल रहा है
मुझे फाड़ कर गंगा में क्यों नहीं बहाते
निर्मल मन की बात क्यों दबाते
अगर वो फाड़ कर उड़ाती किसी राह पर
नहीं होती मुझे उम्रकेद किताबी पन्नो में

Thursday, November 10, 2011

जब किसी की बेटी का राजस्थान की सरकारी सेवा में चयन हो तो उसके माता पिता सरकार ये जरूर पूछे कि "उनकी बेटी शोषण मुक्त वातावरण और परिवार के साथ नौकरी कर

मै बाइक पर चल ही रहा था कि मेरे एक मित्र का फोन आया, बाइक रोक कर बात कि तो उसने बताया कि पी७ टी वी चैनल पर भंवरी देवी की सी डी का प्रसारण हो रहा है। मै घर पंहुचा और टी वी चालू कर पी७ चैनल लगाया, सी डी के सीन देख मैंने टी.वी। तुरंत बंद कर दिया । सीन बेहद ही अश्लील थे और घर पर देखना उचित नहीं था। मै एक मित्र की दुकान गया और वंहा चैनल देखा, एक राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री और भंवरी देवी के अन्तरंग द्रश्यो वाली ये सी डी मारवाड़ की शालीन संस्कृति पर काला रंग उड़ेल रही थी।

देश की राजनीति में भूचाल लाने वाला भंवरी काण्ड आखिर क्यों हुआ और जांच सी.बी आई के पास आ पंहुची, राजस्थान के मंत्री और अफसरों पर रंगीन मिजाजी के आरोप लग रहे है और सरकार उन्हें बचाती है। इन्ही रंगीन लोगो ने अपनी तृप्ति के लिए राजस्थान में तबादले की राजनीति चलायी।


अगर आप को तबादला करवाना है तो मोल भाव और निश्चित रकम देनी होगी और काम होगा, खास कर महिलाओ को जानबूझ कर ऐसे स्थान पर तबादला कर दिया जाता है जो पुरुषो के लिए भी दुर्गम है। अपने परिवार से दूर कर के एक महिला को ऐसी जगह लगाया जाता है जन्हा न सड़क है ना पानी,न बिजली की व्यवस्था, प्रताड़ना से कम नहीं। एक अकेली महिला परिवार से दूर कैसे काम कर पाती है वो ही जानती है ।
अगर उसे तबादला करना है तो उसे समझोता तो करना ही पड़ता है। बदले में उन्हें रंगीन लोगो को खुश करना होगा, नहीं तो तबादला नहीं होगा। यानी अपनी इज्जत को दाव पर लगनी होगी अगर काम करवाना है।


स्पष्ट है हमारी सरकार ही महिलाओ का शोषण करने वालो को सरंक्षण और प्रोत्साहन दे रही है और जो घटना मुख्य मंत्री के गृह नगर की है वो सरकार नियत पर सवाल उठा रही है।

जब किसी की बेटी का राजस्थान की सरकारी सेवा में चयन हो तो उसके माता पिता सरकार ये जरूर पूछे कि
"उनकी बेटी शोषण मुक्त वातावरण और परिवार के साथ नौकरी कर पायेगी"

Saturday, November 5, 2011

एक निवेदन वर पक्ष को ......

एक निवेदन वर पक्ष को ......

मान्यवर ! आप के घर में पुत्र विवाह होने जा रहा है आपको इस मंगल प्रसंग पर हार्दिक सुभकामनाये। आप इस मंगलमाय अवसर का भरपूर आनंद ले और अपने सगे समन्धि और परिचितों को इस आयोजन में शामिल करे।
मै आप से एक निवेदन करना चाहता हूँ, न कोई सलाह दे रहा हूँ क्योकि आप हमारे मार्गदर्शक है और हम आप का अनुसरण करते है। जब घर में विवाह होता है तो खुशिया अपार हो जाती है और हम कई जगह हमारी खुशियों में दूसरो के लिए परेशानी खडी कर देते है , हम देर रात तक डीजे को बजाते है और देर रात बारात लेकर जाते है और पटाखे छोड़ते है और पडोसी जो आधी रात में परेशां होते है और सो नहीं पाते है कई तो गंभीर बीमार भी होते है ।

क्या ये हम सही कर रहे है ?? अगर गलत है तो सभी से निवेदन है वे अपने विवाह कार्यक्रम समयबद्ध और शोर मुक्त करे ताकि सभी आप के विवाह कार्यक्रम की तारीफ करे।

Saturday, September 17, 2011

गर्मी की वो रात

गर्मी की वो रात

गर्मी से भरी रात में
ठंडी हवा कहाँ खो गयी ।
मै जाग रहा था
नींद कहाँ से लेकर आऊं।
पत्ता भी हिल नहीं पाया
रात भर स्थिर थे हरे हरे पेड़ ।
झुलस रहा था सारा तन
ठंडक कहाँ से लेकर आऊं ।
तुम्हारे हाथों की ठंडक लेकर
पंखी की हल्की हल्की सी हवा
दे रही थी दवा।
रात भर जागी तुम
मै सो रहा था।
मेरी आँखें बंद थी
फिर भी तुम्हे देख रहा था।
रात भर जागी तुम्हारी आँखें
फिर भी ताज़गी से
निहार रही थी आँखें।
सुबह कह रही थी मुझसे
गर्मी की वो रात हार गई

Friday, September 16, 2011

"ब्रह्मचारी बनो, पेट्रोल बचाओ "

मेरे एक मित्र है शुब जी , वे हर शनिवार को एक नया टी शर्ट पहन कर आते और उस पर कुच्छ ना कुच्छ लिखा होता है वे कल एक टी शर्ट पहन कर आयेंगे जिस पर लिखा होगा "ब्रह्मचारी बनो, पेट्रोल बचाओ "। सुभ जी की बात में दम है और भविष्य में सरकारी नारा भी हो सकता है !

पूर्ण ब्रह्मचारी का एक फायदा नहीं अनेक फायदे है , आप को किसी से प्यार नहीं होगा और आपकी मंगेतर, महिला मित्र को गाडी में घुमाना नहीं पड़ेगा। शोपिंग का भी खर्चा बच जायेगा , पिज्जा बर्गर और फिल्म का टिकिट भी नहीं लेना पड़ेगा । एक छोटे से व्रत के अनेको फायदे है। शादी नहीं होगी तो बच्चे नहीं होंगे और जनसंख्या पर स्वत: नियंत्रण हो जायेगा। शादी तक बात ही नहीं होगी क्योकि आप अभिमन्यु बनेगे ही नहीं, मंहगाई के चक्र्य व्यूह में फंसगे भी नहीं और आप बेफिक्र होकर कलयुग की ध्रतराष्ट सरकार को वोट देते रहेंगे।

"ब्रह्मचारी बनो, पेट्रोल बचाओ "