Wednesday, March 9, 2011

आज युवा चाहे वो लड़का हो लड़की अथाह प्रतिभा के धनी होते , युवाओ की प्रतिभा पर संदेह करना संकुचित मानसिकता का परिचायक है। पुष्करण प्रतिभा पर पहली चोट परिवार से तो दूसरी चोट समाज करता है। प्रतिभा रुपी पौध जड़े जमाने से पहले ही मुरझा जाता है।
मे भारतीय क्रिकेट के स्टार खिलाडी युवराज के पिता श्री योगराज सिंह का जिक्र करना चाहूँगा, क्रिकेट खेलते चोटिल हुए और कभी अंतर्राष्ट्रीय मेच खेल नहीं पाए, उन्होंने तय कर लिया ki युवी को स्टार क्रिक्केटर बनाकर ही रहेंगे और युवी स्टार खिलाडी बन भी गए।
एक दौर वो भी आया की युवी की टीम मे जगह खतरे मे पड़ gई। लेकिंग युवी के पिता वो कार्य किया कि युवी फिर फिट होकर टीम मे लौट आये । एक पिता कि मेहनत का परिणाम सामने है
युवी का विश्व कप मे जबरदस्त प्रदर्शन जारी है।
मै युवाओ से कहना चाहूँगा के वे अपने अभिभावकों के मार्ग दर्शन मे सफलता के पायदान चढ़े ।
अभिभावक भी युवाओ के सपने साकार करने मे सहयोग करे।

2 comments:

  1. भारतीय ब्लॉग लेखक मंच की तरफ से आप, आपके परिवार तथा इष्टमित्रो को होली की हार्दिक शुभकामना. यह मंच आपका स्वागत करता है, आप अवश्य पधारें, यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो "फालोवर" बनकर हमारा उत्साहवर्धन अवश्य करें. साथ ही अपने अमूल्य सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ, ताकि इस मंच को हम नयी दिशा दे सकें. धन्यवाद . आपकी प्रतीक्षा में ....
    भारतीय ब्लॉग लेखक मंच

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