मैंने एक ख़त लिखा था तुमको
आज भी किताबो में छिपा है वो ख़त
फटे ख़त के पन्ने आज भी मुस्कराते है
लिपट कर तुम्हारे फोटो से
वो गुजरा पल दिखाते है
कई राते दिन बन गयी थी
दिन में चांदनी नजर आती थी
एक ख़त जो तुम्हे देना था
पर मुझे शर्म आती थी
मेरा चुपचाप मन
ख़त में बोल रहा था
आज वही ख़त मुझ से बोल रहा है
मुझे फाड़ कर गंगा में क्यों नहीं बहाते
निर्मल मन की बात क्यों दबाते
अगर वो फाड़ कर उड़ाती किसी राह पर
नहीं होती मुझे उम्रकेद किताबी पन्नो में
Wednesday, November 23, 2011
Thursday, November 10, 2011
जब किसी की बेटी का राजस्थान की सरकारी सेवा में चयन हो तो उसके माता पिता सरकार ये जरूर पूछे कि "उनकी बेटी शोषण मुक्त वातावरण और परिवार के साथ नौकरी कर
मै बाइक पर चल ही रहा था कि मेरे एक मित्र का फोन आया, बाइक रोक कर बात कि तो उसने बताया कि पी७ टी वी चैनल पर भंवरी देवी की सी डी का प्रसारण हो रहा है। मै घर पंहुचा और टी वी चालू कर पी७ चैनल लगाया, सी डी के सीन देख मैंने टी.वी। तुरंत बंद कर दिया । सीन बेहद ही अश्लील थे और घर पर देखना उचित नहीं था। मै एक मित्र की दुकान गया और वंहा चैनल देखा, एक राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री और भंवरी देवी के अन्तरंग द्रश्यो वाली ये सी डी मारवाड़ की शालीन संस्कृति पर काला रंग उड़ेल रही थी।
देश की राजनीति में भूचाल लाने वाला भंवरी काण्ड आखिर क्यों हुआ और जांच सी.बी आई के पास आ पंहुची, राजस्थान के मंत्री और अफसरों पर रंगीन मिजाजी के आरोप लग रहे है और सरकार उन्हें बचाती है। इन्ही रंगीन लोगो ने अपनी तृप्ति के लिए राजस्थान में तबादले की राजनीति चलायी।
अगर आप को तबादला करवाना है तो मोल भाव और निश्चित रकम देनी होगी और काम होगा, खास कर महिलाओ को जानबूझ कर ऐसे स्थान पर तबादला कर दिया जाता है जो पुरुषो के लिए भी दुर्गम है। अपने परिवार से दूर कर के एक महिला को ऐसी जगह लगाया जाता है जन्हा न सड़क है ना पानी,न बिजली की व्यवस्था, प्रताड़ना से कम नहीं। एक अकेली महिला परिवार से दूर कैसे काम कर पाती है वो ही जानती है ।
अगर उसे तबादला करना है तो उसे समझोता तो करना ही पड़ता है। बदले में उन्हें रंगीन लोगो को खुश करना होगा, नहीं तो तबादला नहीं होगा। यानी अपनी इज्जत को दाव पर लगनी होगी अगर काम करवाना है।
स्पष्ट है हमारी सरकार ही महिलाओ का शोषण करने वालो को सरंक्षण और प्रोत्साहन दे रही है और जो घटना मुख्य मंत्री के गृह नगर की है वो सरकार नियत पर सवाल उठा रही है।
जब किसी की बेटी का राजस्थान की सरकारी सेवा में चयन हो तो उसके माता पिता सरकार ये जरूर पूछे कि
"उनकी बेटी शोषण मुक्त वातावरण और परिवार के साथ नौकरी कर पायेगी"
देश की राजनीति में भूचाल लाने वाला भंवरी काण्ड आखिर क्यों हुआ और जांच सी.बी आई के पास आ पंहुची, राजस्थान के मंत्री और अफसरों पर रंगीन मिजाजी के आरोप लग रहे है और सरकार उन्हें बचाती है। इन्ही रंगीन लोगो ने अपनी तृप्ति के लिए राजस्थान में तबादले की राजनीति चलायी।
अगर आप को तबादला करवाना है तो मोल भाव और निश्चित रकम देनी होगी और काम होगा, खास कर महिलाओ को जानबूझ कर ऐसे स्थान पर तबादला कर दिया जाता है जो पुरुषो के लिए भी दुर्गम है। अपने परिवार से दूर कर के एक महिला को ऐसी जगह लगाया जाता है जन्हा न सड़क है ना पानी,न बिजली की व्यवस्था, प्रताड़ना से कम नहीं। एक अकेली महिला परिवार से दूर कैसे काम कर पाती है वो ही जानती है ।
अगर उसे तबादला करना है तो उसे समझोता तो करना ही पड़ता है। बदले में उन्हें रंगीन लोगो को खुश करना होगा, नहीं तो तबादला नहीं होगा। यानी अपनी इज्जत को दाव पर लगनी होगी अगर काम करवाना है।
स्पष्ट है हमारी सरकार ही महिलाओ का शोषण करने वालो को सरंक्षण और प्रोत्साहन दे रही है और जो घटना मुख्य मंत्री के गृह नगर की है वो सरकार नियत पर सवाल उठा रही है।
जब किसी की बेटी का राजस्थान की सरकारी सेवा में चयन हो तो उसके माता पिता सरकार ये जरूर पूछे कि
"उनकी बेटी शोषण मुक्त वातावरण और परिवार के साथ नौकरी कर पायेगी"
Saturday, November 5, 2011
एक निवेदन वर पक्ष को ......
एक निवेदन वर पक्ष को ......
मान्यवर ! आप के घर में पुत्र विवाह होने जा रहा है आपको इस मंगल प्रसंग पर हार्दिक सुभकामनाये। आप इस मंगलमाय अवसर का भरपूर आनंद ले और अपने सगे समन्धि और परिचितों को इस आयोजन में शामिल करे।
मै आप से एक निवेदन करना चाहता हूँ, न कोई सलाह दे रहा हूँ क्योकि आप हमारे मार्गदर्शक है और हम आप का अनुसरण करते है। जब घर में विवाह होता है तो खुशिया अपार हो जाती है और हम कई जगह हमारी खुशियों में दूसरो के लिए परेशानी खडी कर देते है , हम देर रात तक डीजे को बजाते है और देर रात बारात लेकर जाते है और पटाखे छोड़ते है और पडोसी जो आधी रात में परेशां होते है और सो नहीं पाते है कई तो गंभीर बीमार भी होते है ।
क्या ये हम सही कर रहे है ?? अगर गलत है तो सभी से निवेदन है वे अपने विवाह कार्यक्रम समयबद्ध और शोर मुक्त करे ताकि सभी आप के विवाह कार्यक्रम की तारीफ करे।
मान्यवर ! आप के घर में पुत्र विवाह होने जा रहा है आपको इस मंगल प्रसंग पर हार्दिक सुभकामनाये। आप इस मंगलमाय अवसर का भरपूर आनंद ले और अपने सगे समन्धि और परिचितों को इस आयोजन में शामिल करे।
मै आप से एक निवेदन करना चाहता हूँ, न कोई सलाह दे रहा हूँ क्योकि आप हमारे मार्गदर्शक है और हम आप का अनुसरण करते है। जब घर में विवाह होता है तो खुशिया अपार हो जाती है और हम कई जगह हमारी खुशियों में दूसरो के लिए परेशानी खडी कर देते है , हम देर रात तक डीजे को बजाते है और देर रात बारात लेकर जाते है और पटाखे छोड़ते है और पडोसी जो आधी रात में परेशां होते है और सो नहीं पाते है कई तो गंभीर बीमार भी होते है ।
क्या ये हम सही कर रहे है ?? अगर गलत है तो सभी से निवेदन है वे अपने विवाह कार्यक्रम समयबद्ध और शोर मुक्त करे ताकि सभी आप के विवाह कार्यक्रम की तारीफ करे।
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