कल मई महीना सुरू हो जाएगा और २८ मई को मेरा दूसरा जन्म दिन है मौत से सीधा सामना हुआ था लेकिन मुझे ख़ुशी नहीं उदासी लग रही है मैंने अपनी आँखों के सामने २ मासूम बच्चियों को दम तोड़ते देखा था और उनकी माँ सहित ७ जाने दम तोड़ चुके थे। २८/५/२००४ की दोपहर की घटना , कैसे भूलू.............वो दो खुबसूरत चहरे मुझे आज भी याद आते है। ३ से ५ साल के बीच थी वो दोनों फूल सी बच्चियाँ ............मेरे इश्वर! वो जन्हा भी हो खुश रहे........
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