जिंदगी का स्टाइल बदलिए जिंदगी आपको बदल देगी।
हुनर है आप में कर के तो तो देखिये
किस्मत खुद को बदल देगी
हेमंत
Sunday, November 14, 2010
Saturday, September 11, 2010
कल आजतक चेनल पर देश के राष्टीय संतो के कारनामे देखकर मुझे गर्व हुआ कि मै भी अंतरास्ट्रीय संत बन सकता हूँ। एक संत काले धन को सफ़ेद करने के गुर सिखा रहा है। एक संत पुलिस वाले के हत्या के आरोपी को अपने आश्रम में शरण देने की बात कहता है। तो एक संत ११ मुखी रुद्रख्स की कीमत लाखो में बताता है। मै ये चिंतन कर रहा कि हिन्दू धर्म व्यावसायिक संतो को हम क्यों स्वीकार कर रहे है। जय हो कॉरपरेट बाबाजी।
Wednesday, August 11, 2010
Tuesday, August 10, 2010
Saturday, August 7, 2010
Thursday, August 5, 2010
Wednesday, August 4, 2010
Tuesday, August 3, 2010
Thursday, July 29, 2010
एक मंत्री मेरी बात पर गुस्सा हो गए
वो मुझ पर बरसने लगे
महंगाई महंगाई क्यों चिल्लाते हो
कहाँ है महंगाई
दाल सिर्फ १००/ किलो
आटा सिर्फ १८/ किलो
पेट्रोल सिर्फ ५५/ लीटर
तरकारी बहुत सस्ती है
बस मे सफ़र क्यों करते हो
पैदल ही जाया करो
४ रोटी खाते हो तो
२ ही खाया करो
दाल मे एक लीटर
पानी मिलाया करो
पानी नहीं मिले तो
एक लीटर की बिसलरी
मंगाया करो
रसोई मे गेस का
सिलेंडर हिलाया करो
नहीं मिले तो
बबूल की लकडिया
जलाया करो
शक्कर से डायबिटीज
होता है
इसे मत खाया करो
केरोसिन से खतरा है
हाथ मत लगाया करो
जनता के पास खूब पैसा है
अपना सर खुजलाओ
महंगा सर का बाल है
पहले उसे उगाओ
वो मुझ पर बरसने लगे
महंगाई महंगाई क्यों चिल्लाते हो
कहाँ है महंगाई
दाल सिर्फ १००/ किलो
आटा सिर्फ १८/ किलो
पेट्रोल सिर्फ ५५/ लीटर
तरकारी बहुत सस्ती है
बस मे सफ़र क्यों करते हो
पैदल ही जाया करो
४ रोटी खाते हो तो
२ ही खाया करो
दाल मे एक लीटर
पानी मिलाया करो
पानी नहीं मिले तो
एक लीटर की बिसलरी
मंगाया करो
रसोई मे गेस का
सिलेंडर हिलाया करो
नहीं मिले तो
बबूल की लकडिया
जलाया करो
शक्कर से डायबिटीज
होता है
इसे मत खाया करो
केरोसिन से खतरा है
हाथ मत लगाया करो
जनता के पास खूब पैसा है
अपना सर खुजलाओ
महंगा सर का बाल है
पहले उसे उगाओ
Monday, July 26, 2010
वो छोटा सा बच्चा
बात आज से ६-७ वर्ष पहले की जब मे मै एक समाचार पत्र मे काम करता था। रात के १०-१०.३० बजे थे, स्कूटर से मै घर लौट रहा था । रस्ते मे मे बाज़ार में कुच्छ सामान खरीदने के लिए रुका था कि एक छोटा सा बच्चा गोद मे ६ माह के बच्चे को लिए मेरे पास आया और मागने लगा । मैंने पूछा कि उसे पैसे चाहिए या खाने की चीज । बच्चा कहने लगा की उसे छोटे भाई के लिए ढूध चाहिए , छोटा बच्चा भूख से तड़प रहा था ।
मैंने पास डेयरी से दूध लिया और थैली बच्चे को दे दी। बच्चे के पास कोई बर्तन नहीं था और दूध देख कर छोटा बच्चा ज्यादा रोने लगा था, बच्चा आस पास की दुकानों पर डिस्पोसल ग्लास मांगने गया लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की । मै ये नजारा देख रहा था आखिरकार बच्चे ने दूध की थैली फाड़कर अपने भाई को पिलाना शुरू किया आधा दूध वो पी रहा था आधा नीचे गिर रहा था।
मै चुपचाप स्कूटर लेकर निकल गया और सोचने लगा कि मुझमे उन दुकान वालो मे कोई फर्क नहीं है,
फर्क इतना था कि दुकानों वालो आत्मा पहले से ही मरी हुई थी मेरी बाद मे मरी थी। हम सिर्फ इंसानी बुत बन कर रह गए थे ।
मैंने पास डेयरी से दूध लिया और थैली बच्चे को दे दी। बच्चे के पास कोई बर्तन नहीं था और दूध देख कर छोटा बच्चा ज्यादा रोने लगा था, बच्चा आस पास की दुकानों पर डिस्पोसल ग्लास मांगने गया लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की । मै ये नजारा देख रहा था आखिरकार बच्चे ने दूध की थैली फाड़कर अपने भाई को पिलाना शुरू किया आधा दूध वो पी रहा था आधा नीचे गिर रहा था।
मै चुपचाप स्कूटर लेकर निकल गया और सोचने लगा कि मुझमे उन दुकान वालो मे कोई फर्क नहीं है,
फर्क इतना था कि दुकानों वालो आत्मा पहले से ही मरी हुई थी मेरी बाद मे मरी थी। हम सिर्फ इंसानी बुत बन कर रह गए थे ।
शादी का घोडा
एक दोस्त की होने वाली थी शादी
मुझे भी मिली एक जिम्मेदारी
घोडा मुझे बुक करवाना था
दूल्हा था हल्का फुल्का
सिर्फ था २५०किलो हल्का
घोडा प्रोफाइल देखकर चकराया
घोडा कहने लगा मुझ पर हाथी क्यों बिठाते हो
एक शादी के जानवर की हत्या क्यों करवाते हो
शहर के सभी घोड़ो ने इंकार कर दिया
मे घबराया सर मेरा चकराया
मुझे एक घोडा नजर आया
वो मुझे दुसरो से दो फुट छोटा नजर आया
उसने हाँ भर दी
मुझे उसकी हिम्मत पर आश्चर्य हुआ
बारात निकल पड़ी
घोड़े ने पूरा साथ निभाया
दुल्हे को सकुशल वधु के
घर तक पहुचाया
मैंने झट से अम्बुलेंस बुलाई
घोड़े को इमरजेंसी मे भर्ती करवाया
डॉक्टर ने झट से ड्रिप लगाईं
अधमरे घोड़े की
मुश्किल से जान बचाई
एक दोस्त की होने वाली थी शादी
मुझे भी मिली एक जिम्मेदारी
घोडा मुझे बुक करवाना था
दूल्हा था हल्का फुल्का
सिर्फ था २५०किलो हल्का
घोडा प्रोफाइल देखकर चकराया
घोडा कहने लगा मुझ पर हाथी क्यों बिठाते हो
एक शादी के जानवर की हत्या क्यों करवाते हो
शहर के सभी घोड़ो ने इंकार कर दिया
मे घबराया सर मेरा चकराया
मुझे एक घोडा नजर आया
वो मुझे दुसरो से दो फुट छोटा नजर आया
उसने हाँ भर दी
मुझे उसकी हिम्मत पर आश्चर्य हुआ
बारात निकल पड़ी
घोड़े ने पूरा साथ निभाया
दुल्हे को सकुशल वधु के
घर तक पहुचाया
मैंने झट से अम्बुलेंस बुलाई
घोड़े को इमरजेंसी मे भर्ती करवाया
डॉक्टर ने झट से ड्रिप लगाईं
अधमरे घोड़े की
मुश्किल से जान बचाई
Sunday, July 25, 2010
Saturday, July 24, 2010
मुझे एक नेता की लड़की पसंद आई
मैंने आपनी पसंद माँ को बताई
माँ बोली ये परी ही क्यों पसंद आई
दहेज़ मे राजनीति लाएगी
घर को राजनीति का अखाडा बनाएगी
मुझे स्पीकर ससुर को मंत्री बनाएगी
तुझे तो सिर्फ निजी सचिव बनाएगी
झाड़ू पोचे तुझसे करवाएगी
नौकर का भत्ता खुद खा जाएगी
धरने भूख हड़ताल पर जायेगी
खाना तुझसे बनवाएगी
तू जीते जी मर जाएगा
जब वो सफ़ेद कुरते मे आएगी
तुझे हाथ मे तख्ती देगी
जिंदाबाद मुर्दाबाद के नारे लगवायेगी
कभी कभी लाठी चार्ज भी करवाएगी
इलाज से पहले जाँच आयोग बिठाएगी
हाथ पैर तुड़वा कर
१२ साल बाद मुआवजा दिलवाएगी
मैंने आपनी पसंद माँ को बताई
माँ बोली ये परी ही क्यों पसंद आई
दहेज़ मे राजनीति लाएगी
घर को राजनीति का अखाडा बनाएगी
मुझे स्पीकर ससुर को मंत्री बनाएगी
तुझे तो सिर्फ निजी सचिव बनाएगी
झाड़ू पोचे तुझसे करवाएगी
नौकर का भत्ता खुद खा जाएगी
धरने भूख हड़ताल पर जायेगी
खाना तुझसे बनवाएगी
तू जीते जी मर जाएगा
जब वो सफ़ेद कुरते मे आएगी
तुझे हाथ मे तख्ती देगी
जिंदाबाद मुर्दाबाद के नारे लगवायेगी
कभी कभी लाठी चार्ज भी करवाएगी
इलाज से पहले जाँच आयोग बिठाएगी
हाथ पैर तुड़वा कर
१२ साल बाद मुआवजा दिलवाएगी
Friday, July 23, 2010
फलोदी के भामाशाह
इतिहास के पन्नो को पलटे तो पश्चिम काशी के भामाशाहो के अथाह दान व परोपकारी कार्यो का स्वर्णिम चित्रण मिल जायेगा। राय बहादूर सान्गिदास थानवी से लेकर वर्त्तमान मे हेमजी पुरोहित इस परम्परा का नेतृत्व कर रहे है। फलोदी के भामाशाहो की विशेषता रही है कि उनका दान देने का तरीका आवश्यकता व उपयोगिता पर आधारित रहा है। उदहारण के तौर पर संगिदास जी का कुआ, परमसुख जी का कुआ शहर की प्यास बुझाता है, एस टी सी स्कूल से लेकर करोड़ों की लागत से नवनिर्मित कॉलेज का वास्तु परिकल्पना बनाने वाले का पवित्र साहस को प्रकट करता है। शाहजहां ने एक निज प्रेम के लिए ताजमहल बनाकर अपना प्रेम अमर किया था लेकिन फलोदी के भामाशाह ने शिक्षा और शिक्षार्थियों को न भूलने वाला तोहफा देकर फलोदी के इतिहास मे एक और प्रष्ट जोड़ दिया हैऔर जब भी एक होनहार विधार्थी इस कॉलेज से निकलेगा तो हर बार इस कॉलेज मे लगे पत्थर को जरूर निहारेगा और कहेगा मै और इस कॉलेज मे लगे पत्थर शौभाग्यशाली है ।
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